भारत के गवर्नर जनरल और वायसराय: सूची, नीतियां, महत्वपूर्ण तथ्य (प्रतियोगी परीक्षा हेतु) - M S WORLD
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भारत के गवर्नर जनरल और वायसराय
(सूची, नीतियां, महत्वपूर्ण तथ्य - प्रतियोगी परीक्षा हेतु)

भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण पद: ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश राज का प्रतिनिधित्व
नमस्कार दोस्तों! 'M S WORLD General Knowledge' ब्लॉग पर आपका स्वागत है। भारतीय इतिहास, विशेष रूप से आधुनिक भारत के इतिहास में, ब्रिटिश शासन की समझ के लिए भारत के गवर्नर जनरल और वायसराय का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये पद ब्रिटिश सत्ता के प्रतीक थे और इनके निर्णयों ने भारतीय उपमहाद्वीप के भाग्य को सीधे तौर पर प्रभावित किया।
प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railways, State PSCs और अन्य सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह विषय बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन पदों से संबंधित व्यक्तियों, नीतियों और घटनाओं पर अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं।
इस विस्तृत लेख में, हम बंगाल के पहले गवर्नर जनरल से लेकर भारत के अंतिम वायसराय तक की यात्रा करेंगे। हम इन पदों के विकास, प्रमुख व्यक्तियों, उनके शासनकाल में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं, नीतियों और सुधारों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इसके अतिरिक्त, हमने महत्वपूर्ण गवर्नर जनरल/वायसरायों का एक त्वरित संदर्भ तालिका और प्रमुख ब्रिटिश अधिनियमों की एक सूची भी शामिल की है। आपकी तैयारी को और मजबूत बनाने के लिए हमने 60+ महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) भी शामिल किए हैं, जिन्हें आप **हल करने के बाद तुरंत जांच सकते हैं**।
तो चलिए, ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन के इन केंद्रीय व्यक्तित्वों और उनके समय के घटनाक्रम को समझते हैं!
विषय-सूची (Table of Contents):
- 1. परिचय: गवर्नर जनरल/वायसराय पद का महत्व
- 2. पद का विकास: बंगाल के गवर्नर से वायसराय तक
- 3. प्रमुख कालानुक्रम (Timeline)
- 4. बंगाल के गवर्नर जनरल (1773-1833)
- 5. भारत के गवर्नर जनरल (1833-1858)
- 6. भारत के वायसराय (1858-1947)
- 7. प्रमुख गवर्नर जनरल / वायसराय: एक त्वरित सारांश
- 8. गवर्नर जनरल और वायसराय में अंतर
- 9. ब्रिटिश शासन के प्रमुख अधिनियम (Acts)
- 10. अन्य प्रमुख नीतियां और सुधार
- 11. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- 12. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ) - अपनी तैयारी जांचें
- 13. निष्कर्ष
1. परिचय: गवर्नर जनरल/वायसराय पद का महत्व
भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना और विस्तार में गवर्नर जनरल और बाद में वायसराय का पद केंद्रीय था। ये अधिकारी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (और बाद में सीधे ब्रिटिश क्राउन) के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते थे। उनके पास विशाल कार्यकारी, विधायी और न्यायिक शक्तियां थीं। इन पदों पर बैठे व्यक्तियों ने अपनी नीतियों, सुधारों और फैसलों के माध्यम से भारतीय समाज, अर्थव्यवस्था और राजनीति पर गहरी छाप छोड़ी। उनके शासनकाल में हुए विद्रोहों, आंदोलनों, युद्धों और प्रशासनिक परिवर्तनों ने आधुनिक भारत की नींव रखी।
2. पद का विकास: बंगाल के गवर्नर से वायसराय तक
इस पद का क्रमिक विकास हुआ:
- बंगाल के गवर्नर (Governor of Bengal): ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1600 में व्यापार के लिए भारत में प्रवेश किया। धीरे-धीरे कंपनी ने क्षेत्रीय शक्तियां हासिल कीं। 1757 में प्लासी के युद्ध और 1764 में बक्सर के युद्ध के बाद, कंपनी ने बंगाल पर वास्तविक नियंत्रण स्थापित कर लिया और अपने प्रशासक नियुक्त किए, जिन्हें बंगाल का गवर्नर कहा जाता था। रॉबर्ट क्लाइव बंगाल के पहले गवर्नर थे।
- बंगाल के गवर्नर जनरल (Governor-General of Bengal): 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट (Regulating Act of 1773) कंपनी के मामलों को विनियमित करने वाला पहला महत्वपूर्ण ब्रिटिश संसदीय अधिनियम था। इसने बंगाल के गवर्नर के पदनाम को बदलकर 'बंगाल का गवर्नर जनरल' कर दिया और उसकी सहायता के लिए चार सदस्यीय कार्यकारी परिषद (Executive Council) का गठन किया। वॉरेन हेस्टिंग्स बंगाल के पहले गवर्नर जनरल बने। बॉम्बे और मद्रास के गवर्नरों को बंगाल के गवर्नर जनरल के अधीन कर दिया गया।
- भारत के गवर्नर जनरल (Governor-General of India): 1833 का चार्टर एक्ट (Charter Act of 1833) ब्रिटिश भारत के केंद्रीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसने बंगाल के गवर्नर जनरल को 'भारत का गवर्नर जनरल' बना दिया। अब उनके पास पूरे ब्रिटिश भारत पर नागरिक और सैन्य मामलों का पूर्ण नियंत्रण था। लॉर्ड विलियम बेंटिंक भारत के पहले गवर्नर जनरल बने। इस एक्ट ने कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया और उसे पूरी तरह से प्रशासनिक निकाय बना दिया।
- भारत के वायसराय (Viceroy of India): 1857 के महान विद्रोह (सिपाही विद्रोह) के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत में कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया। 1858 का भारत सरकार अधिनियम (Government of India Act of 1858) पारित किया गया, जिसने भारत पर शासन का अधिकार सीधे ब्रिटिश क्राउन को सौंप दिया। भारत के गवर्नर जनरल का पदनाम बदलकर 'भारत का वायसराय' कर दिया गया। वायसराय क्राउन का सीधा प्रतिनिधि था। लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय बने। स्वतंत्रता तक यह पद बना रहा।
संविधान के विकास और महत्वपूर्ण अधिनियमों के बारे में जानें: भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद | भारतीय संविधान की अनुसूचियां
3. प्रमुख कालानुक्रम (Timeline)
महत्वपूर्ण तिथियाँ और पद:
- 1757: प्लासी का युद्ध, कंपनी का बंगाल पर नियंत्रण की शुरुआत।
- 1773: रेगुलेटिंग एक्ट, बंगाल के गवर्नर जनरल पद का गठन।
- 1833: चार्टर एक्ट, भारत के गवर्नर जनरल पद का गठन।
- 1857: महान विद्रोह (सिपाही विद्रोह)।
- 1858: भारत सरकार अधिनियम, कंपनी शासन समाप्त, ब्रिटिश क्राउन का सीधा शासन, वायसराय पद का गठन।
- 1947: भारत की स्वतंत्रता, वायसराय पद समाप्त, गवर्नर जनरल पद फिर से स्थापित (औपचारिक प्रमुख)।
- 1950: भारतीय गणराज्य की स्थापना, गवर्नर जनरल पद समाप्त, राष्ट्रपति राज्य के संवैधानिक प्रमुख बने।
4. बंगाल के गवर्नर जनरल (1773-1833)
इस अवधि के कुछ प्रमुख गवर्नर जनरल और उनके अधीन हुई महत्वपूर्ण घटनाएं:
- बंगाल के पहले गवर्नर जनरल (रेगुलेटिंग एक्ट 1773 के तहत)। (वे 1772 में बंगाल के गवर्नर बने और 1773 एक्ट के बाद GG बने)।
- द्वैध शासन (Dual Government) का अंत।
- राजधानी मुर्शिदाबाद से कलकत्ता स्थानांतरित।
- पहला आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-82) और सालबाई की संधि।
- दूसरा आंग्ल-मैसूर युद्ध (1780-84) और मैंगलोर की संधि।
- एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल की स्थापना (विलियम जोंस द्वारा, 1784)।
- पिट्स इंडिया एक्ट, 1784 पारित हुआ।
- अपने कार्यकाल के बाद उन पर महाभियोग चलाया गया, हालांकि बाद में दोषमुक्त हुए।
- स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) की शुरुआत बंगाल, बिहार और उड़ीसा में (1793)।
- भारतीय सिविल सेवाओं (Civil Services) का जनक माना जाता है (हालांकि व्यवस्थित प्रवेश 1853 के बाद)।
- कॉर्नवॉलिस कोड (Cornwallis Code) प्रस्तुत किया (राजस्व और न्याय प्रशासन का पृथक्करण)।
- तीसरा आंग्ल-मैसूर युद्ध और श्रीरंगपट्टनम की संधि।
- सहायक संधि प्रणाली (Subsidiary Alliance System) की शुरुआत। यह राज्यों को कंपनी के अधीन लाने का एक प्रभावी तरीका था। सबसे पहले हैदराबाद ने इसे स्वीकार किया।
- चौथा आंग्ल-मैसूर युद्ध (टीपू सुल्तान की मृत्यु)।
- दूसरा आंग्ल-मराठा युद्ध।
- स्वयं को 'बंगाल टाइगर' कहता था।
- प्रेस सेंसरशिप अधिनियम (Press Censorship Act, 1799)।
- रणजीत सिंह के साथ अमृतसर की संधि (1809)।
- 1813 का चार्टर एक्ट पारित हुआ।
- तीसरा आंग्ल-मराठा युद्ध और मराठा शक्ति का अंत।
- रैयतवाड़ी प्रणाली (बंबई प्रेसीडेंसी में) और महलवाड़ी प्रणाली (गंगा घाटी में) की शुरुआत।
- पिनडारियों का दमन।
- प्रेस से प्रतिबंध हटाए (हालांकि पूर्ण स्वतंत्रता नहीं)।
- पहला बर्मा युद्ध (1824-26) और यांडबू की संधि।
- बैरकपुर में सैन्य विद्रोह (1824)।
5. भारत के गवर्नर जनरल (1833-1858)
1833 के चार्टर एक्ट के बाद, पूरे ब्रिटिश भारत के लिए एक गवर्नर जनरल था।
- बंगाल के अंतिम गवर्नर जनरल और भारत के पहले गवर्नर जनरल (1833 एक्ट के तहत)।
- सती प्रथा का उन्मूलन (1829)।
- ठगों का दमन (कैप्टन स्लीमैन की मदद से)।
- अंग्रेजी को उच्च शिक्षा का माध्यम बनाया (मेकॉले की सिफारिश पर, 1835)।
- 1835 का मेडिकल कॉलेज, कलकत्ता की स्थापना।
- मैसूर, कुर्ग और कछार का विलय (कुप्रशासन के आधार पर)।
- न्यायिक सुधार।
- पहला आंग्ल-अफगान युद्ध (1839-42)।
- ग्रैंड ट्रंक रोड का पुनर्निर्माण।
- सिंध का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय (1843)।
- दास प्रथा का उन्मूलन (भारतीय विधि आयोग की सिफारिश पर, 1843)।
- पहला आंग्ल-सिख युद्ध (1845-46) और लाहौर की संधि।
- सामाजिक सुधारों पर जोर (जैसे कन्या भ्रूण हत्या और नरबलि का अंत)।
- सरकारी नौकरियों में अंग्रेजी शिक्षा को प्राथमिकता।

- अपनी विलय नीतियों के लिए जाने जाते हैं। व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) लागू किया, जिसके तहत सतारा (1848), जैतपुर और संबलपुर (1849), बघाट (1850), उदयपुर (1852), झांसी (1853) और नागपुर (1854) का विलय किया गया। कुप्रशासन के आधार पर अवध का विलय (1856)।
- दूसरा आंग्ल-सिख युद्ध (1848-49) और पंजाब का विलय।
- दूसरा बर्मा युद्ध (1852) और लोअर बर्मा (पेगू) का विलय।
- वुड्स डिस्पैच (Wood's Despatch), जिसे 'भारतीय शिक्षा का मैग्ना कार्टा' कहा जाता है (1854)।
- सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) की स्थापना।
- भारतीय रेलवे का जनक: बॉम्बे से ठाणे तक पहली रेलवे लाइन (1853)।
- भारतीय तार (Telegraph) और डाक (Postal) प्रणाली का आधुनिकीकरण।
- सैन्य सुधार (सेना मुख्यालय कलकत्ता से शिमला स्थानांतरित, तोपखाने का मुख्यालय मेरठ)।
- संथाल विद्रोह (1855-56)।
*(यह सूची प्रमुख व्यक्तियों और घटनाओं पर केंद्रित है।)*
6. भारत के वायसराय (1858-1947)
1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश क्राउन ने सीधे भारत का प्रशासन संभाला, और गवर्नर जनरल का पद वायसराय बन गया।

- भारत के अंतिम गवर्नर जनरल और पहले वायसराय।
- 1857 का विद्रोह उनके कार्यकाल में हुआ।
- 1858 का भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ।
- कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे में विश्वविद्यालयों की स्थापना (1857)।
- भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860; आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1861; भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 पारित हुए।
- धार्मिक अयोग्यता अधिनियम (Religious Disabilities Act) समाप्त किया।
- व्यपगत का सिद्धांत समाप्त किया।
- नील विद्रोह (Indigo Revolt) (1859-60)।
- वहाबी आंदोलन का दमन।
- 'ओडिशा अकाल' (Orissa Famine) (1866) और जॉर्ज कैम्पबेल के अधीन अकाल आयोग का गठन।
- उनकी नीति को 'शानदार निष्क्रियता' (Policy of Masterly Inactivity) कहा जाता है।
- उच्च न्यायालयों की स्थापना (कलकत्ता, बंबई, मद्रास में 1865 में)।
- भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service) का गठन (1864)।
- 'ओवन मेरेडिथ' (Owen Meredith) के नाम से साहित्यिक कार्य करते थे।
- दिल्ली दरबार (Delhi Durbar), 1877 आयोजित किया (महान अकाल के दौरान)।
- वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट (Vernacular Press Act), 1878 पारित किया (देशी भाषा के प्रेस पर कड़े प्रतिबंध)।
- आर्म्स एक्ट (Arms Act), 1878 (हथियार रखने के लिए भारतीयों के लिए लाइसेंस अनिवार्य)।
- दूसरा आंग्ल-अफगान युद्ध (1878-80)।
- सिविल सेवा परीक्षा की अधिकतम आयु 21 से घटाकर 19 की।
- स्ट्रेची आयोग (Famine Commission) का गठन (1878)।
- सबसे लोकप्रिय वायसरायों में से एक। 'स्थानीय स्वशासन का जनक' कहा जाता है।
- वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट को रद्द किया (1882)।
- पहला कारखाना अधिनियम (First Factory Act), 1881।
- स्थानीय स्वशासन संकल्प (Resolution on Local Self-Government), 1882 (स्थानीय बोर्डों का गठन)।
- शिक्षा पर हंटर कमीशन (Hunter Commission) (1882)।
- इल्बर्ट बिल विवाद (Ilbert Bill controversy), 1883-84 (भारतीय न्यायाधीशों को यूरोपीय लोगों पर मुकदमा चलाने की अनुमति)।
- भारत में पहली नियमित जनगणना (1881)।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन (1885) इनके कार्यकाल में हुआ।
- तीसरा बर्मा युद्ध (1885-86) और ऊपरी बर्मा का विलय।
- बैरकपुर छावनी में 1885 में एक विद्रोह।
- भारतीय परिषद अधिनियम, 1892 पारित हुआ।
- कारखाना अधिनियम, 1891।
- एज ऑफ कंसेंट एक्ट, 1891।
- डूरंड आयोग की स्थापना (भारत और अफगानिस्तान के बीच सीमा)।
- अपनी विभाजनकारी नीतियों के लिए जाने जाते हैं।
- बंगाल का विभाजन (Partition of Bengal), 1905 (प्रशासनिक सुविधा का कारण बताया गया, लेकिन असली मकसद बांटो और राज करो था)। इसका व्यापक स्वदेशी आंदोलन के साथ विरोध हुआ।
- भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम (Indian Universities Act), 1904।
- प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम (Ancient Monuments Preservation Act), 1904 और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का पुनर्गठन।
- कृषि ऋण सोसायटी अधिनियम (Agricultural Credit Societies Act), 1904।
- पूसा (बिहार) में कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापना।
- सेना में कमांडर-इन-चीफ, लॉर्ड किचेनर (Kitchener) के साथ विवाद के बाद इस्तीफा।
- पुलिस आयोग (Police Commission), 1902 (एंड्रयू फ्रेजर की अध्यक्षता में)।
- स्वदेशी आंदोलन और मुस्लिम लीग का गठन (1906, ढाका) इनके काल में।
- सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन (1907)।
- खुदीराम बोस को फांसी (1908)।
- मॉर्ले-मिंटो सुधार (Morley-Minto Reforms), 1909 (भारतीय परिषद अधिनियम, 1909) पारित हुआ, जिसमें मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की व्यवस्था की गई।
- बंगाल विभाजन रद्द किया गया (1911)।
- राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई (1911)।
- दिल्ली दरबार, 1911 आयोजित किया गया (किंग जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी का भारत आगमन और स्वागत)।
- हिंदू महासभा की स्थापना (मदन मोहन मालवीय द्वारा, 1915)।
- पहला विश्व युद्ध शुरू हुआ (1914)।
- गदर पार्टी की स्थापना (1913)।
- लखनऊ पैक्ट (कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता), 1916।
- होम रूल आंदोलन (1916).
- चंपारण सत्याग्रह (गांधीजी का पहला सत्याग्रह भारत में), 1917।
- खेड़ा सत्याग्रह और अहमदाबाद मिल हड़ताल, 1918।
- भारत सरकार अधिनियम, 1919 (Government of India Act, 1919) पारित हुआ (जिसे मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार भी कहते हैं)। इसमें प्रांतों में द्वैध शासन (Dyarchy) की शुरुआत हुई।
- रॉलेट एक्ट (Rowlatt Act), 1919 (काला कानून)।
- जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh Massacre), 1919।
- खिलाफत आंदोलन (1919-24)।
- असहयोग आंदोलन की शुरुआत (1920)।
- पुणे में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना।
- एकमात्र यहूदी वायसराय।
- चौरी-चौरा घटना (Chauri-Chaura Incident) (1922) जिसके बाद गांधीजी ने असहयोग आंदोलन वापस लिया।
- स्वराज पार्टी का गठन (सी.आर. दास और मोतीलाल नेहरू द्वारा, 1923)।
- एम.एन. रॉय द्वारा कानपुर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का गठन (1925)।
- काकोरी ट्रेन डकैती (1925)।
- 'क्रिश्चियन वायसराय' के नाम से भी जाना जाता है।
- साइमन कमीशन भारत आया (1928)।
- लाहौर षड्यंत्र मामला (भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त द्वारा असेंबली में बम फेंकना) और जतिन दास की भूख हड़ताल से मृत्यु।
- कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन और पूर्ण स्वराज की घोषणा (1929)।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) और दांडी मार्च (1930)。
- पहला गोलमेज सम्मेलन (First Round Table Conference) (1930)।
- गांधी-इरविन पैक्ट (Gandhi-Irwin Pact) (1931)。
- मेरठ षड्यंत्र मामला (1929)।
- दूसरा (1931) और तीसरा (1932) गोलमेज सम्मेलन (गांधीजी ने दूसरे में भाग लिया)।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन फिर से शुरू किया गया, लेकिन इसका दमन किया गया।
- मैकडॉनल्ड्स का कम्युनल अवार्ड (Communal Award) (1932)।
- पूना पैक्ट (Poona Pact) (गांधी और अंबेडकर के बीच) (1932)।
- भारत सरकार अधिनियम, 1935 (Government of India Act, 1935) पारित हुआ।
- भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून की स्थापना (1932)。
- सबसे लंबा कार्यकाल (7 वर्ष)।
- 1937 के प्रांतीय चुनाव।
- द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत (1939), भारत को बिना भारतीयों की सहमति के युद्ध में शामिल घोषित किया गया।
- कांग्रेस मंत्रिमंडलों का इस्तीफा ('मुक्ति दिवस' के रूप में मनाया गया)।
- फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन (सुभाष चंद्र बोस, 1939)।
- मुस्लिम लीग का लाहौर प्रस्ताव (पाकिस्तान की मांग, 1940)。
- अगस्त प्रस्ताव (August Offer) (1940)。
- क्रिप्स मिशन (Cripps Mission) (1942)。
- भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) (1942)。
- बंगाल अकाल (1943)。
- सी. राजगोपालाचारी फॉर्मूला (1944)।
- वेवेल योजना (Wavell Plan) और शिमला सम्मेलन (Simla Conference) (1945)।
- द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त (1945)।
- INA ट्रायल्स (1945)।
- शाही भारतीय नौसेना विद्रोह (RIN Mutiny) (1946)।
- कैबिनेट मिशन भारत आया (1946)।
- प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस (Direct Action Day) (16 अगस्त 1946)।
- अंतरिम सरकार का गठन (जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में) (सितंबर 1946)।
- एटली की घोषणा (ब्रिटिश प्रधान मंत्री) (20 फरवरी 1947) जिसमें जून 1948 तक भारत छोड़ने की घोषणा की गई।
- भारत के अंतिम ब्रिटिश वायसराय।
- माउंटबेटन योजना (Mountbatten Plan) या 3 जून योजना प्रस्तुत की, जिसमें भारत के विभाजन और स्वतंत्रता की बात कही गई थी।
- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 पारित हुआ।
- रेडक्लिफ आयोग द्वारा भारत-पाकिस्तान सीमा का निर्धारण।
- भारत की स्वतंत्रता (15 अगस्त 1947)।
- लॉर्ड माउंटबेटन (अगस्त 1947 - जून 1948): भारत के पहले गवर्नर जनरल (स्वतंत्र भारत के)।
- सी. राजगोपालाचारी (जून 1948 - जनवरी 1950): भारत के पहले और अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल।
7. प्रमुख गवर्नर जनरल / वायसराय: एक त्वरित सारांश
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए, निम्नलिखित प्रमुख गवर्नर जनरल और वायसराय तथा उनके कार्यकाल की मुख्य घटनाओं को याद रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सारणी आपको त्वरित पुनरावृति में मदद करेगी:
नाम (पद) | कार्यकाल | मुख्य घटनाएँ / नीतियाँ |
---|---|---|
वॉरेन हेस्टिंग्स (GG बंगाल) | 1772/1773-1785 | रेगुलेटिंग एक्ट, पिट्स इंडिया एक्ट, आंग्ल-मराठा/मैसूर युद्ध, एशियाटिक सोसाइटी। |
लॉर्ड कॉर्नवॉलिस (GG बंगाल) | 1786-1793 | स्थायी बंदोबस्त, सिविल सेवा जनक (माना जाता है), कॉर्नवॉलिस कोड, तीसरा आंग्ल-मैसूर युद्ध। |
लॉर्ड वेलेजली (GG बंगाल) | 1798-1805 | सहायक संधि प्रणाली, चौथा आंग्ल-मैसूर युद्ध, दूसरा आंग्ल-मराठा युद्ध, प्रेस सेंसरशिप। |
लॉर्ड हेस्टिंग्स (GG बंगाल) | 1813-1823 | तीसरा आंग्ल-मराठा युद्ध, पिंडारियों का दमन, रैयतवाड़ी/महलवाड़ी की शुरुआत। |
लॉर्ड विलियम बेंटिंक (GG भारत) | 1828-1835 | भारत के पहले GG, सती प्रथा उन्मूलन, ठगों का दमन, अंग्रेजी शिक्षा का माध्यम, 1833 चार्टर एक्ट। |
लॉर्ड डलहौजी (GG भारत) | 1848-1856 | व्यपगत का सिद्धांत, रेलवे/तार/डाक जनक, वुड्स डिस्पैच, PWD, संथाल विद्रोह, पंजाब/बर्मा विलय, अवध विलय। |
लॉर्ड कैनिंग (वायसराय) | 1856-1862 | अंतिम GG/पहले वायसराय, 1857 विद्रोह, 1858 अधिनियम, विश्वविद्यालय स्थापना, IPC/CrPC/High Courts अधिनियम, व्यपगत सिद्धांत समाप्त, नील विद्रोह। |
लॉर्ड जॉन लॉरेंस (वायसराय) | 1864-1869 | शानदार निष्क्रियता, अकाल आयोग, उच्च न्यायालय (स्थापना), वन सेवा। |
लॉर्ड लिटन (वायसराय) | 1876-1880 | दिल्ली दरबार 1877, वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट, आर्म्स एक्ट, सिविल सेवा आयु कमी। |
लॉर्ड रिपन (वायसराय) | 1880-1884 | स्थानीय स्वशासन जनक, वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट रद्द, पहला कारखाना अधिनियम, हंटर कमीशन, इल्बर्ट बिल विवाद, नियमित जनगणना। |
लॉर्ड डफरिन (वायसराय) | 1884-1888 | कांग्रेस का गठन (1885), तीसरा बर्मा युद्ध। |
लॉर्ड कर्जन (वायसराय) | 1899-1905 | बंगाल विभाजन (1905), विश्वविद्यालय अधिनियम, प्राचीन स्मारक संरक्षण/ASI पुनर्गठन, कृषि संस्थान। |
लॉर्ड मिंटो द्वितीय (वायसराय) | 1905-1910 | स्वदेशी आंदोलन, मुस्लिम लीग गठन, कांग्रेस विभाजन (सूरत), मॉर्ले-मिंटो सुधार (पृथक निर्वाचन)। |
लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (वायसराय) | 1910-1916 | बंगाल विभाजन रद्द, राजधानी दिल्ली स्थानांतरण (1911), दिल्ली दरबार 1911, हिंदू महासभा, पहला विश्व युद्ध। |
लॉर्ड चेम्सफोर्ड ( वायसराय) | 1916-1921 | लखनऊ पैक्ट, होम रूल, चंपारण, भारत सरकार अधिनियम 1919 (द्वैध शासन), रॉलेट एक्ट, जलियांवाला बाग हत्याकांड, असहयोग आंदोलन शुरू। |
लॉर्ड इरविन (वायसराय) | 1926-1931 | साइमन कमीशन, पूर्ण स्वराज घोषणा, सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांडी मार्च, पहला गोलमेज सम्मेलन, गांधी-इरविन पैक्ट। |
लॉर्ड विलिंगडन (वायसराय) | 1931-1936 | दूसरा/तीसरा गोलमेज सम्मेलन, कम्युनल अवार्ड, पूना पैक्ट, भारत सरकार अधिनियम 1935। |
लॉर्ड लिनलिथगो (वायसराय) | 1936-1943 | सबसे लंबा कार्यकाल, दूसरा विश्व युद्ध, अगस्त प्रस्ताव, क्रिप्स मिशन, भारत छोड़ो आंदोलन, बंगाल अकाल। |
लॉर्ड वेवेल ( वायसराय) | 1943-1947 | वेवेल योजना, शिमला सम्मेलन, कैबिनेट मिशन, प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस, अंतरिम सरकार। |
लॉर्ड माउंटबेटन (वायसराय/स्वतंत्र भारत के GG) | 1947-1948 | अंतिम वायसराय, माउंटबेटन योजना, भारत स्वतंत्रता अधिनियम, भारत विभाजन, स्वतंत्र भारत के पहले GG। |
सी. राजगोपालाचारी (स्वतंत्र भारत के GG) | 1948-1950 | पहले और अंतिम भारतीय GG। |
8. गवर्नर जनरल और वायसराय में अंतर
दोनों सदन मिलकर संसद का निर्माण करते हैं, लेकिन उनकी भूमिकाओं और शक्तियों में महत्वपूर्ण अंतर हैं:
अंतर का आधार | गवर्नर जनरल (1773-1858) | वायसराय (1858-1947) |
---|---|---|
नियुक्ति | ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा नियुक्त (ब्रिटिश सरकार के अनुमोदन से) | सीधे ब्रिटिश क्राउन द्वारा नियुक्त |
कार्यक्षेत्र (मुख्य) | मुख्यतः कंपनी के प्रशासन के प्रमुख। उनके पास ब्रिटिश भारत के क्षेत्रों पर प्रशासन और नियंत्रण का अधिकार था। | कंपनी के प्रशासन के प्रमुख होने के साथ-साथ, वे ब्रिटिश क्राउन के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि थे, विशेष रूप से भारतीय रियासतों के साथ संबंधों में। |
उत्तरदायित्व | ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश सरकार के प्रति उत्तरदायी | सीधे ब्रिटिश संसद और क्राउन के प्रति उत्तरदायी (भारत सचिव के माध्यम से) |
पदनाम में परिवर्तन का कारण | कंपनी के शासन को विनियमित और केंद्रीकृत करना (1773 और 1833 के अधिनियम)। | 1857 के विद्रोह के बाद कंपनी के शासन को समाप्त कर ब्रिटिश सरकार का सीधा नियंत्रण स्थापित करना (1858 का अधिनियम)। |
प्रतिनिधित्व | कंपनी का मुख्य प्रशासक | क्राउन का प्रत्यक्ष प्रतिनिधि |
9. ब्रिटिश शासन के प्रमुख अधिनियम (Acts)
ब्रिटिश शासन के दौरान पारित कुछ सबसे महत्वपूर्ण अधिनियम, जिन्होंने भारत में संवैधानिक और प्रशासनिक विकास को आकार दिया:
अधिनियम | वर्ष | संबंधित गवर्नर जनरल / वायसराय | मुख्य प्रावधान |
---|---|---|---|
रेगुलेटिंग एक्ट | 1773 | वॉरेन हेस्टिंग्स | बंगाल के GG का पद, कार्यकारी परिषद, कंपनी के मामलों का विनियमन। |
पिट्स इंडिया एक्ट | 1784 | वॉरेन हेस्टिंग्स | कंपनी के राजनीतिक और वाणिज्यिक कार्यों का पृथक्करण, नियंत्रण बोर्ड (Board of Control) का गठन। |
चार्टर एक्ट | 1813 | लॉर्ड मिंटो प्रथम | कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय और चीन के व्यापार को छोड़कर), शिक्षा पर 1 लाख रुपये खर्च का प्रावधान। |
चार्टर एक्ट | 1833 | लॉर्ड विलियम बेंटिंक | भारत के GG का पद, कंपनी का व्यापारिक कार्य पूरी तरह समाप्त (पूर्णतः प्रशासनिक निकाय), केंद्रीकरण। |
चार्टर एक्ट | 1853 | लॉर्ड डलहौजी | विधायी और कार्यकारी कार्यों का पृथक्करण, सिविल सेवाओं में खुली प्रतियोगिता का प्रारंभ (सिद्धांत रूप में)। |
भारत सरकार अधिनियम | 1858 | लॉर्ड कैनिंग | कंपनी शासन समाप्त, भारत पर क्राउन का सीधा शासन, वायसराय पद का गठन, भारत सचिव (Secretary of State for India) का पद। |
भारतीय परिषद अधिनियम | 1861 | लॉर्ड कैनिंग | वायसराय की कार्यकारी और विधायी परिषदों का विस्तार, पोर्टफोलियो प्रणाली, अध्यादेश जारी करने की वायसराय की शक्ति। |
भारतीय परिषद अधिनियम | 1892 | लॉर्ड लैंसडाउन | विधान परिषदों में गैर-सरकारी सदस्यों की संख्या में वृद्धि, अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली की शुरुआत (सीमित)। |
भारतीय परिषद अधिनियम (मॉर्ले-मिंटो सुधार) | 1909 | लॉर्ड मिंटो द्वितीय | विधान परिषदों के आकार और कार्यों में वृद्धि, मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल। |
भारत सरकार अधिनियम (मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार) | 1919 | लॉर्ड चेम्सफोर्ड | केंद्र में द्विसदनीय विधायिका, प्रांतों में द्वैध शासन (Dyarchy), प्रत्यक्ष चुनाव की शुरुआत, लोक सेवा आयोग का गठन। |
भारत सरकार अधिनियम | 1935 | लॉर्ड विलिंगडन | अखिल भारतीय संघ का प्रस्ताव (लागू नहीं हुआ), प्रांतीय स्वायत्तता, केंद्र में द्वैध शासन (लागू नहीं हुआ), विषयों का तीन सूचियों में विभाजन (संघ, राज्य, समवर्ती), संघीय न्यायालय की स्थापना। |
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम | 1947 | लॉर्ड माउंटबेटन | भारत का विभाजन, दो स्वतंत्र डोमिनियन (भारत और पाकिस्तान) की स्थापना, वायसराय पद समाप्त, दोनों देशों के लिए गवर्नर जनरल का पद। |
10. अन्य प्रमुख नीतियां और सुधार
विभिन्न गवर्नर जनरल और वायसरायों द्वारा लागू की गई कुछ सबसे महत्वपूर्ण नीतियां और अधिनियम, जिन्होंने भारतीय इतिहास की दिशा बदली:
- द्वैध शासन (Dual Government): रॉबर्ट क्लाइव द्वारा बंगाल में शुरू, वॉरेन हेस्टिंग्स द्वारा समाप्त।
- स्थायी बंदोबस्त, 1793: लॉर्ड कॉर्नवॉलिस द्वारा। भू-राजस्व की एक प्रणाली जिसने जमींदारों को भूमि का मालिक बनाया।
- सहायक संधि प्रणाली: लॉर्ड वेलेजली द्वारा। भारतीय राज्यों को ब्रिटिश संरक्षण में लाने और उनकी संप्रभुता समाप्त करने की प्रणाली।
- रैयतवाड़ी प्रणाली: मद्रास में थॉमस मुनरो और बॉम्बे में माउंटस्टुआर्ट एल्फिंस्टन द्वारा शुरू, लॉर्ड हेस्टिंग्स के समय विस्तार। किसानों से सीधा राजस्व संग्रह।
- महलवाड़ी प्रणाली: हॉल्ट मैकेंज़ी द्वारा गंगा घाटी में शुरू, लॉर्ड हेस्टिंग्स के समय। गाँव/महल के समूह से राजस्व संग्रह।
- सती प्रथा का उन्मूलन, 1829: लॉर्ड विलियम बेंटिंक द्वारा (राजा राम मोहन राय के प्रयासों से)। एक प्रमुख सामाजिक सुधार।
- ठगी प्रथा का अंत: लॉर्ड विलियम बेंटिंक द्वारा (कैप्टन स्लीमैन की मदद से)।
- व्यपगत का सिद्धांत: लॉर्ड डलहौजी द्वारा। उत्तराधिकारी न होने पर या कुप्रशासन के आधार पर रियासतों का विलय।
- वुड्स डिस्पैच, 1854: लॉर्ड डलहौजी के समय। भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों का प्रस्ताव ('भारतीय शिक्षा का मैग्ना कार्टा')।
- वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट, 1878: लॉर्ड लिटन द्वारा। भारतीय भाषाओं के प्रेस पर प्रतिबंध। लॉर्ड रिपन द्वारा रद्द।
- स्थानीय स्वशासन संकल्प, 1882: लॉर्ड रिपन द्वारा। भारत में स्थानीय निकायों की नींव रखी।
- इल्बर्ट बिल, 1883-84: लॉर्ड रिपन के समय। भारतीय न्यायाधीशों को यूरोपीय लोगों पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने का प्रस्ताव, जिससे नस्लीय भेदभाव का मुद्दा उठा।
- बंगाल का विभाजन, 1905: लॉर्ड कर्जन द्वारा। प्रशासनिक सुविधा का कारण बताया गया, लेकिन असली मकसद बांटो और राज करो था। लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय द्वारा 1911 में रद्द।
- मॉर्ले-मिंटो सुधार, 1909: लॉर्ड मिंटो द्वितीय और भारत सचिव मॉर्ले द्वारा। मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की शुरुआत।
- रॉलेट एक्ट, 1919: लॉर्ड चेम्सफोर्ड के समय। बिना मुकदमे के गिरफ्तारी का अधिकार, जिसने व्यापक विरोध को जन्म दिया।
- गांधी-इरविन पैक्ट, 1931: लॉर्ड इरविन और महात्मा गांधी के बीच। सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने हेतु समझौता।
- पूना पैक्ट, 1932: लॉर्ड विलिंगडन के समय। दलितों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल के बजाय केंद्रीय और प्रांतीय विधानमंडलों में आरक्षित सीटें।
- अगस्त प्रस्ताव, 1940: लॉर्ड लिनलिथगो द्वारा। भारतीयों का द्वितीय विश्व युद्ध में समर्थन पाने का प्रयास, जिसमें सीमित स्वशासन का वादा किया गया।
- क्रिप्स मिशन, 1942: लॉर्ड लिनलिथगो के समय। युद्ध के बाद डोमिनियन स्टेटस और संविधान सभा का प्रस्ताव, कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ने अस्वीकार किया।
- वेवेल योजना और शिमला सम्मेलन, 1945: लॉर्ड वेवेल द्वारा। भारतीय नेताओं को मिलाकर कार्यकारी परिषद गठन का प्रयास, विफल रहा।
- कैबिनेट मिशन, 1946: लॉर्ड वेवेल के समय। भारत के लिए संविधान निर्माण और सत्ता हस्तांतरण की योजना, विभाजन को रोकने का प्रयास।
- माउंटबेटन योजना, 1947: लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा। भारत के विभाजन और स्वतंत्रता की योजना।
यह सिर्फ कुछ प्रमुख नीतियां और अधिनियम हैं। प्रत्येक गवर्नर जनरल/वायसराय के कार्यकाल में और भी कई महत्वपूर्ण घटनाएं और बदलाव हुए, जिनका अध्ययन आधुनिक भारतीय इतिहास के लिए आवश्यक है।
11. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
यहां गवर्नर जनरल और वायसराय से संबंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं:
Q1: बंगाल के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?
A1: वॉरेन हेस्टिंग्स (रेगुलेटिंग एक्ट, 1773 के तहत)।
Q2: भारत के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?
A2: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1833 के चार्टर एक्ट के तहत)।
Q3: भारत के पहले वायसराय कौन थे?
A3: लॉर्ड कैनिंग (1858 के भारत सरकार अधिनियम के तहत)।
Q4: भारत के अंतिम वायसराय कौन थे?
A4: लॉर्ड माउंटबेटन।
Q5: स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?
A5: लॉर्ड माउंटबेटन।
Q6: स्वतंत्र भारत के पहले और अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल कौन थे?
A6: सी. राजगोपालाचारी।
Q7: सती प्रथा का उन्मूलन किस गवर्नर जनरल के कार्यकाल में हुआ?
A7: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1829)।
Q8: स्थायी बंदोबस्त की शुरुआत किसने की थी?
A8: लॉर्ड कॉर्नवॉलिस (1793)।
Q9: सहायक संधि प्रणाली किसने शुरू की थी?
A9: लॉर्ड वेलेजली।
Q10: व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) किससे संबंधित है?
A10: लॉर्ड डलहौजी।
Q11: 1857 का विद्रोह किस वायसराय के कार्यकाल में हुआ?
A11: लॉर्ड कैनिंग (वे उस समय गवर्नर जनरल थे, और विद्रोह के दौरान ही वायसराय बने)।
Q12: बंगाल का विभाजन किस वायसराय के काल में हुआ था?
A12: लॉर्ड कर्जन (1905)।
Q13: मॉर्ले-मिंटो सुधार (1909) किस वायसराय से संबंधित हैं?
A13: लॉर्ड मिंटो द्वितीय।
Q14: जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) किस वायसराय के कार्यकाल में हुआ था?
A14: लॉर्ड चेम्सफोर्ड।
Q15: गांधी-इरविन पैक्ट (1931) किस वायसराय के समय हुआ था?
A15: लॉर्ड इरविन।
Q16: भारत सरकार अधिनियम, 1935 किस वायसराय के कार्यकाल में पारित हुआ?
A16: लॉर्ड विलिंगडन।
Q17: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के समय वायसराय कौन था?
A17: लॉर्ड लिनलिथगो।
Q18: कैबिनेट मिशन (1946) भारत में किस वायसराय के समय आया?
A18: लॉर्ड वेवेल।
Q19: 'स्थानीय स्वशासन का जनक' किस वायसराय को कहा जाता है?
A19: लॉर्ड रिपन।
Q20: व्यपगत का सिद्धांत समाप्त करने वाला वायसराय कौन था?
A20: लॉर्ड कैनिंग।
Q21: वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट किसने लागू किया और किसने रद्द किया?
A21: लागू लॉर्ड लिटन ने किया, रद्द लॉर्ड रिपन ने किया।
Q22: भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली किस वायसराय के समय स्थानांतरित हुई?
A22: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1911)。
Q23: वुड्स डिस्पैच (Wood's Despatch) किस गवर्नर जनरल के काल से संबंधित है?
A23: लॉर्ड डलहौजी (1854)。
Q24: भारतीय रेलवे का जनक किसे माना जाता है?
A24: लॉर्ड डलहौजी।
Q25: इल्बर्ट बिल विवाद किस वायसराय के समय हुआ था?
A25: लॉर्ड रिपन।
Q26: किस गवर्नर जनरल के समय एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल की स्थापना हुई?
A26: वॉरेन हेस्टिंग्स।
Q27: भारत की पहली नियमित जनगणना किस वायसराय के समय हुई?
A27: लॉर्ड रिपन (1881)।
Q28: मुस्लिम लीग का गठन (1906) किस वायसराय के कार्यकाल में हुआ?
A28: लॉर्ड मिंटो द्वितीय।
Q29: पूना पैक्ट (1932) किस वायसराय के समय हुआ?
A29: लॉर्ड विलिंगडन।
Q30: किस अधिनियम ने भारत सचिव (Secretary of State for India) का पद सृजित किया?
A30: भारत सरकार अधिनियम, 1858।
12. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ) - अपनी तैयारी जांचें
यहां भारत के गवर्नर जनरल और वायसराय से संबंधित 68 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। अपनी तैयारी जांचें और प्रत्येक खंड के बाद दी गई उत्तर कुंजी से अपने उत्तरों का मिलान करें।
प्रश्न 1-12
- बंगाल के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?
- भारत के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?
- भारत के पहले वायसराय कौन थे?
- भारत के अंतिम वायसराय कौन थे?
- स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल कौन थे?
- 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर को क्या पदनाम दिया गया?
- 1833 के चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को क्या बनाया गया?
- 1858 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा भारत के गवर्नर जनरल को क्या कहा जाने लगा?
- स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) किसने लागू किया था?
- सहायक संधि प्रणाली (Subsidiary Alliance) किसने शुरू की?
- व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) किसने पेश किया?
- सती प्रथा का उन्मूलन किस गवर्नर जनरल के शासनकाल में हुआ?
उत्तर कुंजी 1-12:
1. b) 2. b) 3. c) 4. b) 5. d) 6. b) 7. b) 8. c) 9. b) 10. b) 11. b) 12. c)
प्रश्न 13-24
- भारतीय सिविल सेवाओं का जनक किसे माना जाता है?
- भारत में रेलवे, तार और डाक प्रणाली का जनक किसे माना जाता है?
- 1857 का महान विद्रोह किस गवर्नर जनरल/वायसराय के कार्यकाल में हुआ?
- वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट (1878) किसने पारित किया?
- किस वायसराय को 'स्थानीय स्वशासन का जनक' कहा जाता है?
- बंगाल का विभाजन (1905) किस वायसराय ने किया?
- मॉर्ले-मिंटो सुधार (1909) के समय भारत का वायसराय कौन था?
- राजधानी कलकत्ता से दिल्ली किस वायसराय के समय स्थानांतरित हुई?
- जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) के समय वायसराय कौन था?
- गांधी-इरविन पैक्ट (1931) पर हस्ताक्षर किस वायसराय के साथ हुए थे?
- भारत सरकार अधिनियम, 1935 किस वायसराय के कार्यकाल में पारित हुआ?
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के समय भारत का वायसराय कौन था?
उत्तर कुंजी 13-24:
13. c) 14. b) 15. b) 16. b) 17. b) 18. c) 19. c) 20. c) 21. b) 22. c) 23. b) 24. b)
प्रश्न 25-36
- माउंटबेटन योजना जिसने भारत के विभाजन का प्रस्ताव दिया, किस वर्ष प्रस्तुत की गई?
- किस वायसराय के कार्यकाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन (1885) हुआ था?
- वुड्स डिस्पैच (Wood's Despatch) जो भारतीय शिक्षा से संबंधित था, किस गवर्नर जनरल के समय आया?
- इल्बर्ट बिल विवाद किस वायसराय के समय हुआ था?
- भारत की स्वतंत्रता (1947) के समय वायसराय कौन था?
- किस अधिनियम ने बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बनाया?
- किस अधिनियम ने भारत के गवर्नर जनरल को वायसराय के रूप में भी नामित किया?
- सहायक संधि स्वीकार करने वाला पहला भारतीय राज्य कौन था?
- व्यपगत के सिद्धांत के तहत ब्रिटिश साम्राज्य में विलय किया जाने वाला पहला राज्य कौन था?
- किस वायसराय के कार्यकाल में मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार पारित हुए?
- पूना पैक्ट (1932) किस वायसराय के समय हुआ था?
- अगस्त प्रस्ताव (1940) किस वायसराय द्वारा पेश किया गया था?
उत्तर कुंजी 25-36:
25. c) 26. b) 27. b) 28. b) 29. b) 30. d) 31. b) 32. c) 33. b) 34. c) 35. b) 36. b)
प्रश्न 37-48
- कैबिनेट मिशन (1946) के समय वायसराय कौन था?
- कौन 'बंगाल टाइगर' के नाम से जाना जाता था?
- एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल की स्थापना किस गवर्नर जनरल के समय हुई?
- किस वायसराय के कार्यकाल में भारत की पहली नियमित जनगणना (1881) हुई?
- हंटर कमीशन (शिक्षा से संबंधित) किस वायसराय के समय गठित हुआ?
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में 'पूर्ण स्वराज' की घोषणा की गई थी, उस समय वायसराय कौन था?
- किस वायसराय ने 1905 में बंगाल का विभाजन रद्द किया?
- रॉलेट एक्ट (1919) किस वायसराय के समय पारित हुआ?
- कौन सा वायसराय 'ओवन मेरेडिथ' के नाम से साहित्यिक कार्य करता था?
- भारत सरकार अधिनियम 1858 के पारित होने के समय भारत का गवर्नर जनरल कौन था?
- किस वायसराय के कार्यकाल में पूसा में कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापना हुई?
- कौन सा वायसराय सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहा?
उत्तर कुंजी 37-48:
37. b) 38. c) 39. b) 40. b) 41. b) 42. a) 43. c) 44. c) 45. b) 46. b) 47. c) 48. b)
प्रश्न 49-60
- वेवेल योजना और शिमला सम्मेलन किस वर्ष आयोजित हुए?
- क्रिप्स मिशन (1942) के समय भारत का वायसराय कौन था?
- किस वायसराय ने 1881 में भारत में पहली नियमित जनगणना करवाई?
- द्वितीय विश्व युद्ध (1939) की शुरुआत के समय भारत का वायसराय कौन था?
- किस वायसराय के कार्यकाल में मुस्लिम लीग का गठन (1906) हुआ था?
- इल्बर्ट बिल का मुख्य विवाद क्या था?
- लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत के सिद्धांत के तहत किस राज्य का सबसे पहले विलय किया था?
- भारत में आंग्ल-मराठा युद्धों का अंत किस गवर्नर जनरल के समय हुआ?
- किस वायसराय के कार्यकाल में साइमन कमीशन भारत आया (1928)?
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931) के समय भारत का वायसराय कौन था?
- कैबिनेट मिशन योजना के समय वायसराय कौन था?
- भारत और पाकिस्तान के विभाजन की घोषणा किस वायसराय ने की?
उत्तर कुंजी 49-60:
49. c) 50. b) 51. b) 52. b) 53. b) 54. c) 55. c) 56. c) 57. b) 58. b) 59. b) 60. b)
प्रश्न 61-68
- भारतीय परिषद अधिनियम, 1892 के समय वायसराय कौन था?
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का पुनर्गठन किस वायसराय के समय हुआ?
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सूरत विभाजन (1907) के समय वायसराय कौन था?
- होम रूल आंदोलन (1916) किस वायसराय के कार्यकाल में हुआ था?
- किस वायसराय के समय चौरी-चौरा घटना (1922) हुई थी?
- भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून की स्थापना किस वायसराय के समय हुई?
- शाही भारतीय नौसेना विद्रोह (RIN Mutiny - 1946) किस वायसराय के कार्यकाल में हुआ था?
- किस अधिनियम के तहत भारत सचिव (Secretary of State for India) का पद सृजित किया गया, जो ब्रिटिश संसद के प्रति उत्तरदायी था?
उत्तर कुंजी 61-68:
61. b) 62. c) 63. b) 64. b) 65. b) 66. b) 67. b) 68. d)
13. निष्कर्ष
भारत में गवर्नर जनरल और वायसराय का पद ब्रिटिश शासन के 1757 से 1947 तक के लंबे और जटिल इतिहास का प्रतिनिधित्व करता है। इन अधिकारियों की नीतियां, सुधार और निर्णय न केवल ब्रिटिश हितों को साधने वाले थे, बल्कि उन्होंने अनजाने में (या जानबूझकर) भारतीय समाज में महत्वपूर्ण बदलाव लाए और अंततः स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि तैयार की। वॉरेन हेस्टिंग्स, डलहौजी, कर्जन, रिपन और माउंटबेटन जैसे नाम भारतीय इतिहास के पाठ्यक्रम को समझने के लिए अपरिहार्य हैं।
इस लेख में हमने इस महत्वपूर्ण विषय के प्रमुख पहलुओं, व्यक्तियों, उनके कार्यकाल और प्रमुख घटनाओं को संक्षेप में कवर किया है। प्रमुख गवर्नर जनरल/वायसरायों का सारांश और महत्वपूर्ण अधिनियमों की सूची आपको त्वरित पुनरावृति में सहायक होगी। यह जानकारी आपको प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर देने में सहायक होगी। इतिहास को गहराई से समझने के लिए इन व्यक्तियों और उनके समय के घटनाक्रमों का विस्तृत अध्ययन आवश्यक है।
भारतीय इतिहास, संविधान और शासन प्रणाली से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर हमारे विस्तृत लेख अवश्य पढ़ें:
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- भारत के प्रधानमंत्री: शक्तियां, कार्य और वेतन
- भारतीय राष्ट्रपति: अधिकार, कार्य और कार्यकाल
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