भारतीय संसद: संरचना, कार्य और शक्तियां (प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सम्पूर्ण गाइड)
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भारतीय संसद: संरचना, कार्य और शक्तियां
(प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सम्पूर्ण गाइड)
भारतीय संसद: लोकतंत्र का हृदय और विधायी शक्ति का केंद्र
नमस्कार दोस्तों! 'M S WORLD General Knowledge' ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आज हम भारतीय लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ - भारतीय संसद (Indian Parliament) के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह वह संस्था है जो हमारे देश के लिए कानून बनाती है, सरकार पर नियंत्रण रखती है और लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करती है। यह न केवल विधि निर्माण का केंद्र है, बल्कि राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर बहस और विचार-विमर्श का सर्वोच्च मंच भी है। यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या सिर्फ भारतीय शासन प्रणाली को गहराई से समझना चाहते हैं, तो यह विस्तृत लेख आपके लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
भारतीय संसद की स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 के तहत की गई है। यह संघ की विधायिका है और भारत की शासन प्रणाली में केंद्रीय भूमिका निभाती है। संविधान के विभिन्न अनुच्छेद भारतीय संसद की संरचना, शक्तियों और कार्यप्रणाली को परिभाषित करते हैं।
यह लेख आपको भारतीय संसद की संरचना, इसके दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) की भूमिका, उनके कार्यों और शक्तियों, तथा सत्रों, समितियों और महत्वपूर्ण शब्दावली के बारे में गहन जानकारी देगा। हमने आपकी तैयारी को और मजबूत बनाने के लिए 60 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) भी शामिल किए हैं।
तो चलिए, भारतीय संसद की इस महत्वपूर्ण यात्रा में गहराई से उतरते हैं!
विषय-सूची (Table of Contents):
- 1. भारतीय संसद: एक परिचय (अनुच्छेद 79)
- 2. संसद की संरचना: अंग और भूमिका
- 3. लोकसभा (House of the People) - संरचना, कार्यकाल, कार्य
- 4. राज्यसभा (Council of States) - संरचना, कार्यकाल, कार्य
- 5. लोकसभा और राज्यसभा में प्रमुख अंतर
- 6. संसद के प्रमुख कार्य और शक्तियां
- 7. संसद के सत्र (Sessions) और विधेयक प्रक्रिया
- 8. संसदीय समितियाँ (Parliamentary Committees)
- 9. प्रमुख संसदीय शब्दावली (Parliamentary Terminology)
- 10. प्रश्न और उत्तर (FAQ) - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- 11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ) - अपनी तैयारी जांचें
- 12. निष्कर्ष
1. भारतीय संसद: एक परिचय (अनुच्छेद 79)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संघ (Union) के लिए एक संसद होगी, जो राष्ट्रपति और दो सदनों - राज्यसभा तथा लोकसभा से मिलकर बनेगी। यह भारत गणराज्य का सर्वोच्च विधायी निकाय (Supreme Legislative Body) है। संसद का प्राथमिक कार्य देश के शासन संचालन के लिए कानून बनाना है, लेकिन इसके कार्य केवल कानून बनाने तक सीमित नहीं हैं।
भारतीय संसद की कल्पना ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से प्रेरित है, लेकिन इसकी संरचना और कार्यप्रणाली भारतीय परिस्थितियों और संविधान के अनुसार विशिष्ट है। यह संघवाद, लोकतंत्र और शक्तियों के पृथक्करण (Separation of Powers) के सिद्धांतों पर आधारित है। संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद यहाँ देखें।
2. संसद की संरचना: अंग और भूमिका
जैसा कि अनुच्छेद 79 में बताया गया है, भारतीय संसद तीन अनिवार्य अंगों से मिलकर बनती है:
- राष्ट्रपति (President): राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं होते हैं और न ही वे उनकी बैठकों में भाग लेते हैं, फिर भी वे संसद का एक अभिन्न और महत्वपूर्ण अंग हैं। राष्ट्रपति संसद के सत्र आहूत (summon) करते हैं, सत्रावसान (prorogue) करते हैं और लोकसभा को भंग (dissolve) कर सकते हैं। उनके बिना, संसद द्वारा पारित कोई भी विधेयक कानून नहीं बन सकता। उनके हस्ताक्षर अनिवार्य हैं।
राष्ट्रपति पद की शक्तियों और कार्यों के बारे में विस्तार से पढ़ें: भारतीय राष्ट्रपति: अधिकार, कार्य और कार्यकाल
- लोकसभा (Lok Sabha): यह संसद का निचला सदन (Lower House) है और इसे 'हाउस ऑफ द पीपल' भी कहा जाता है। यह सदन सीधे भारतीय जनता का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि इसके सदस्य सीधे वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा चुने जाते हैं।
- राज्यसभा (Rajya Sabha): यह संसद का उच्च सदन (Upper House) है और इसे 'काउंसिल ऑफ स्टेट्स' भी कहा जाता है। यह सदन मुख्य रूप से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अधिकांश सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं द्वारा चुने जाते हैं, जबकि कुछ प्रतिष्ठित सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है।
3. लोकसभा (House of the People) - संरचना, कार्यकाल, कार्य
लोकसभा संसद का सबसे शक्तिशाली और गतिशील सदन माना जाता है, क्योंकि इसका सीधा संबंध जनता से है और सरकार इसी सदन के प्रति उत्तरदायी होती है। इसे भारतीय लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करने वाला सदन कहा जाता है।
लोकसभा की संरचना:
विवरण | वर्तमान सदस्य संख्या | अधिकतम संभावित संख्या | टिप्पणी |
---|---|---|---|
राज्यों के प्रतिनिधि | 524 | 530 | राज्यों के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों से सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं। |
केंद्र शासित प्रदेश | 19 | 20 | संसद द्वारा कानून बनाकर निर्धारित तरीके से चुने जाते हैं। |
नामित सदस्य (एंग्लो-इंडियन) | 0 | 2 | राष्ट्रपति द्वारा नामित (यदि समुदाय का पर्याप्त प्रतिनिधित्व न हो)। 104वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 द्वारा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए सीटों के नामांकन का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। |
कुल | 543 | 550 | (अधिनियमित सीमा 552 थी, जिसमें नामित सदस्य शामिल थे) |
चुनाव प्रक्रिया: सदस्यों का चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर, फर्स्ट-पास्ट-द-post सिस्टम (First-Past-the-Post System) द्वारा सीधे लोगों द्वारा किया जाता है। प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को उनकी जनसंख्या के आधार पर लोकसभा सीटें आवंटित की जाती हैं (वर्तमान में 1971 की जनगणना के अनुसार, जो 84वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2001 के अनुसार 2026 तक स्थिर रहेगी)।
कार्यकाल: सामान्यतः 5 वर्ष का होता है। हालांकि, इसे राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के दौरान संसद द्वारा कानून बनाकर एक बार में एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है, या अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) द्वारा सरकार गिरने पर समय से पहले राष्ट्रपति द्वारा भंग किया जा सकता है।
सदस्य बनने की योग्यता: व्यक्ति भारत का नागरिक हो, आयु कम से कम 25 वर्ष हो (अनुच्छेद 84), और अन्य योग्यताएं जो संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा निर्धारित की जाएं।
पीठासीन अधिकारी:
- अध्यक्ष (Speaker): लोकसभा के सदस्यों द्वारा अपने बीच से चुना जाता है। वह सदन की कार्यवाही का संचालन करता है, व्यवस्था बनाए रखता है और सदन के नियमों की व्याख्या करता है। किसी विधेयक पर वोटिंग के दौरान टाई होने पर वह निर्णायक मत (Casting Vote) दे सकता है। किसी विधेयक के धन विधेयक (Money Bill) होने या न होने का अंतिम निर्णय स्पीकर ही करता है।
- उपाध्यक्ष (Deputy Speaker): अध्यक्ष की अनुपस्थिति या पद रिक्त होने पर कार्यभार संभालता है।
लोकसभा के कार्य और शक्तियां:
- कानून बनाना: सामान्य विधेयकों पर राज्यसभा के साथ समान शक्ति।
- वित्तीय शक्तियां: धन विधेयक (Money Bill) केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है (अनुच्छेद 110)। बजट पर चर्चा और उसे पारित करने में निर्णायक भूमिका। विनियोग विधेयक (Appropriation Bill) भी यहीं पेश होता है।
- कार्यपालिका पर नियंत्रण: मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है (अनुच्छेद 75)। अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) केवल लोकसभा में ही लाया जा सकता है, और इसके पारित होने पर सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है। प्रश्नकाल, शून्यकाल, स्थगन प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आदि के माध्यम से सरकार को जवाबदेह बनाना।
भारत के प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। गृह मंत्री जैसे प्रमुख मंत्री भी इसी मंत्रिपरिषद का हिस्सा होते हैं।
- संविधान संशोधन: संविधान संशोधन विधेयक पारित करने में राज्यसभा के साथ समान शक्ति (विशेष बहुमत की आवश्यकता - अनुच्छेद 368)।
- निर्वाचन संबंधी कार्य: राष्ट्रपति (अनुच्छेद 54) और उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 66) के चुनाव में भाग लेना। लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करना।
- न्यायिक कार्य: राष्ट्रपति पर महाभियोग (Impeachment - अनुच्छेद 61) चलाना। उपराष्ट्रपति को पद से हटाना (राज्यसभा द्वारा पहल)। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों (अनु अनुच्छेद 124(4)), मुख्य चुनाव आयुक्त, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) जैसे उच्च पदाधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया में भाग लेना।
भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया में संसद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के बारे में भी जानें।
- विविध कार्य (Miscellaneous Functions):
- राज्यों के निर्माण या मौजूदा राज्यों की सीमाओं या नामों में परिवर्तन करना (अनुच्छेद 3)।
- विभिन्न आयोगों और निकायों की रिपोर्टों पर विचार करना।
- अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौतों की पुष्टि करना।
- राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की घोषणा को मंजूरी देना।
लोकसभा के बारे में और अधिक विस्तार से पढ़ें: लोकसभा: इतिहास, संरचना, कार्य और शक्तियां
4. राज्यसभा (Council of States) - संरचना, कार्यकाल, कार्य
राज्यसभा भारतीय संघ के राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है और संसद का एक स्थायी सदन (Permanent House) है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कानून बनाते समय राज्यों के हितों का ध्यान रखा जाए और जल्दबाजी में कानून न बनें। यह कभी भंग नहीं होती (अनुच्छेद 83)।
राज्यसभा की संरचना:
विवरण | वर्तमान सदस्य संख्या | अधिकतम संभावित संख्या | टिप्पणी |
---|---|---|---|
राज्यों के प्रतिनिधि | 229 | 238 | राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation) के माध्यम से एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) द्वारा चुने जाते हैं (संविधान की चौथी अनुसूची)। प्रत्येक राज्य को राज्यसभा में सीटें उसकी जनसंख्या के आधार पर आवंटित की जाती हैं। |
केंद्र शासित प्रदेश | 4 | केवल दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू और कश्मीर से प्रतिनिधि हैं (अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की जनसंख्या कम है)। | |
नामित सदस्य | 12 | 12 | राष्ट्रपति द्वारा साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्तियों में से नामित किए जाते हैं (अनुच्छेद 80)। |
कुल | 245 | 250 | (अधिकतम 238 निर्वाचित + 12 नामित) |
चुनाव प्रक्रिया: सदस्यों का चुनाव राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत के सिद्धांत के अनुसार होता है (अनुच्छेद 80)। राज्यों के मुख्यमंत्री और उनकी परिषदें इन विधानसभाओं के बहुमत का प्रतिनिधित्व करती हैं।
कार्यकाल: राज्यसभा एक स्थायी सदन है और यह कभी भंग नहीं होती। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है (अनुच्छेद 83)। प्रत्येक दो वर्ष में लगभग एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं, और उनके स्थान पर नए सदस्यों का चुनाव होता है।
सदस्य बनने की योग्यता: व्यक्ति भारत का नागरिक हो, आयु कम से कम 30 वर्ष हो (अनुच्छेद 84), और अन्य योग्यताएं जो संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा निर्धारित की जाएं।
पीठासीन अधिकारी:
- सभापति (Chairman): भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति (ex-officio Chairman) होता है (अनुच्छेद 89)। वह राज्यसभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है और सदन में अनुशासन बनाए रखता है। उपराष्ट्रपति निर्णायक मत (Casting Vote) केवल तभी दे सकता है जब मत बराबर हों।
उपराष्ट्रपति पद की शक्तियों और कार्यों के बारे में विस्तार से पढ़ें: भारत के उपराष्ट्रपति: अधिकार, कार्य और कार्यकाल
- उपसभापति (Deputy Chairman): राज्यसभा के सदस्यों द्वारा अपने बीच से चुना जाता है (अनुच्छेद 89)। सभापति की अनुपस्थिति में या पद रिक्त होने पर उपसभापति सदन की कार्यवाही का संचालन करता है।
राज्यसभा के कार्य और शक्तियां:
- कानून बनाना: सामान्य विधेयकों पर लोकसभा के साथ समान शक्ति। संविधान संशोधन विधेयक पारित करने में भी समान शक्ति।
- वित्तीय शक्तियां: धन विधेयक के मामले में शक्ति सीमित है। यह धन विधेयक में संशोधनों की सिफारिश कर सकती है, लेकिन विधेयक को अस्वीकार नहीं कर सकती। इसे धन विधेयक पर 14 दिन के भीतर अपनी सिफारिशें लोकसभा को भेजनी होती हैं (अनुच्छेद 109)।
- कार्यपालिका पर नियंत्रण: मंत्रिपरिषद राज्यसभा के प्रति सीधे उत्तरदायी नहीं होती, लेकिन राज्यसभा सदस्य प्रश्न, पूरक प्रश्न, प्रस्ताव और संकल्प के माध्यम से सरकार की नीतियों और कार्यों पर नियंत्रण रख सकते हैं।
- सं संविधान संशोधन: संविधान संशोधन विधेयक पारित करने में लोकसभा के साथ समान शक्ति (विशेष बहुमत की आवश्यकता - अनुच्छेद 368)।
- निर्वाचन संबंधी कार्य: राष्ट्रपति (अनुच्छेद 54) और उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 66) के चुनाव में भाग लेना। राज्यसभा उपसभापति का चुनाव करना।
- न्यायिक कार्य: राष्ट्रपति पर महाभियोग (अनुच्छेद 61) चलाना। उपराष्ट्रपति को पद से हटाना (प्रस्ताव राज्यसभा में ही लाया जाता है)। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, मुख्य चुनाव आयुक्त, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) जैसे उच्च पदाधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया में भाग लेना।
- विशेष शक्तियां (Special Powers): राज्यसभा के पास दो अनन्य शक्तियां हैं जो लोकसभा के पास नहीं हैं (ये भारतीय संघवाद को दर्शाती हैं):
- अनुच्छेद 249: राज्य सूची (State List) में शामिल किसी विषय को राष्ट्रीय हित में घोषित कर उस पर संसद द्वारा कानून बनाने के लिए अधिकृत करना (एक वर्ष के लिए वैध, जिसे बढ़ाया जा सकता है)।
- अनुच्छेद 312: राष्ट्रीय हित में एक या एक से अधिक नई अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) के गठन के लिए संसद को अधिकृत करना।
राज्यसभा के बारे में और अधिक विस्तार से पढ़ें: राज्यसभा: संरचना, कार्य, शक्तियां और महत्वपूर्ण तथ्य
5. लोकसभा और राज्यसभा में प्रमुख अंतर
दोनों सदन मिलकर संसद का निर्माण करते हैं, लेकिन उनकी भूमिकाओं और शक्तियों में महत्वपूर्ण अंतर हैं:
अंतर का आधार | लोकसभा (Lok Sabha) | राज्यसभा (Rajya Sabha) |
---|---|---|
सदन का प्रकार | निचला सदन (Lower House) | उच्च सदन (Upper House) |
प्रतिनिधित्व | भारत के लोगों का सीधा प्रतिनिधित्व | राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व |
चुनाव प्रक्रिया | सीधे जनता द्वारा (वयस्क मताधिकार) | राज्य विधानसभाओं द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से (आनुपातिक प्रतिनिधित्व) |
कार्यकाल | 5 वर्ष (सामान्यतः), भंग हो सकता है (अनुच्छेद 83(2)) | स्थायी सदन (कभी भंग नहीं होता - अनुच्छेद 83(1)) |
सदस्यों का कार्यकाल | 5 वर्ष | 6 वर्ष (1/3 सदस्य हर 2 वर्ष में सेवानिवृत्त) |
न्यूनतम आयु | 25 वर्ष (अनुच्छेद 84) | 30 वर्ष (अनुच्छेद 84) |
पीठासीन अधिकारी | अध्यक्ष (Speaker), सदस्यों द्वारा चुना जाता है (अनुच्छेद 93) | सभापति (Chairman), भारत का उपराष्ट्रपति पदेन (अनुच्छेद 89) |
धन विधेयक (Money Bill) | केवल यहीं प्रस्तुत हो सकता है (अनुच्छेद 110), इस पर इसका अंतिम निर्णय होता है। | इसमें प्रस्तुत नहीं हो सकता, केवल 14 दिन के भीतर सिफारिशें दे सकता है (जो लोकसभा मानने के लिए बाध्य नहीं है - अनुच्छेद 109)। |
मंत्रिपरिषद की जवाबदेही | सामूहिक रूप से सीधे इसके प्रति उत्तरदायी (अनुच्छेद 75) | इसके प्रति सीधे उत्तरदायी नहीं (हालांकि सदस्यों से सवाल पूछ सकती है) |
अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) | केवल यहीं लाया जा सकता है | यहाँ नहीं लाया जा सकता |
सदस्य संख्या | अधिक (वर्तमान 543, अधिकतम 550) | कम (वर्तमान 245, अधिकतम 250) |
राज्य सूची पर कानून (अनुच्छेद 249) | राज्यसभा द्वारा अधिकृत होने पर शक्ति | संसद को अधिकृत करने की अनन्य शक्ति |
नई अखिल भारतीय सेवाएं (अनुच्छेद 312) | राज्यसभा द्वारा पहल होने पर गठन की शक्ति | गठन की पहल करने की अनन्य शक्ति |
6. संसद के प्रमुख कार्य और शक्तियां
भारतीय संसद के कार्य अत्यंत व्यापक हैं और ये देश के शासन को संचालित करने में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं:
- विधायी कार्य (Legislative Functions): संसद का सबसे महत्वपूर्ण कार्य कानून बनाना है (अनुच्छेद 245, 246)। यह संघ सूची और समवर्ती सूची में दिए गए विषयों पर पूरे देश या उसके किसी भाग के लिए कानून बना सकती है। राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान या राज्यों के अनुरोध पर यह राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है। कानून विधेयक (Bill) के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं और दोनों सदनों से पारित होकर राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद अधिनियम (Act) बनते हैं। विधेयक कई प्रकार के होते हैं, जैसे साधारण विधेयक, धन विधेयक, वित्तीय विधेयक और संविधान संशोधन विधेयक।
- वित्तीय कार्य (Financial Functions): देश की वित्तीय व्यवस्था पर संसद का पूर्ण नियंत्रण होता है। कोई भी कर संसद की अनुमति के बिना लगाया या एकत्र नहीं किया जा सकता (अनुच्छेद 265)।
- यह वार्षिक केंद्रीय बजट (Annual Financial Statement - अनुच्छेद 112) को मंजूरी देती है, जिसमें सरकार की आय और व्यय का ब्यौरा होता है।
- करों को लगाना, संशोधित करना या समाप्त करना संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है।
- सरकार संचित निधि (Consolidated Fund) से बिना संसद की मंजूरी के एक भी पैसा खर्च नहीं कर सकती (विनियोग विधेयक - अनुच्छेद 114)।
- कार्यपालिका पर नियंत्रण (Control over Executive): संसद विभिन्न तरीकों से मंत्रिपरिषद और सरकार पर नियंत्रण रखती है ताकि वह मनमाने ढंग से काम न करे और जनता के प्रति जवाबदेह रहे।
- प्रश्नकाल (Question Hour) और शून्यकाल (Zero Hour) में सदस्यों द्वारा मंत्रियों से सवाल पूछना।
- विभिन्न प्रकार के प्रस्तावों जैसे स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion), ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Motion), निंदा प्रस्ताव (Censure Motion), कटौती प्रस्ताव (Cut Motions) और सबसे महत्वपूर्ण अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) के माध्यम से।
- संविधान संशोधन (Constitutional Amendment): संसद के पास संविधान के प्रावधानों में संशोधन करने की शक्ति है (अनुच्छेद 368)। यह शक्ति लोकसभा और राज्यसभा द्वारा विशेष बहुमत (और कुछ मामलों में आधे राज्यों के अनुसमर्थन) द्वारा प्रयोग की जाती है, जहाँ दोनों सदनों की शक्ति समान होती है। संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद और अनुसूचियां संशोधन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।
- निर्वाचन संबंधी कार्य (Electoral Functions): संसद सदस्य राष्ट्रपति (अनुच्छेद 54) और उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 66) के चुनाव में भाग लेते हैं। लोकसभा अपने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करती है (अनुच्छेद 93), और राज्यसभा अपने उपसभापति का चुनाव करती है (अनुच्छेद 89)।
- न्यायिक कार्य (Judicial Functions): संसद के पास कुछ न्यायिक कार्य भी हैं, जिनमें शामिल हैं:
- राष्ट्रपति पर महाभियोग (Impeachment - अनुच्छेद 61) चलाना।
- उपराष्ट्रपति को पद से हटाना (अनुच्छेद 67)।
- सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों (अनुच्छेद 124(4)), मुख्य चुनाव आयुक्त, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) जैसे उच्च पदाधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया में भाग लेना।
भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया में संसद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के बारे में भी जानें। - विविध कार्य (Miscellaneous Functions):
- राज्यों के निर्माण या मौजूदा राज्यों की सीमाओं या नामों में परिवर्तन करना (अनुच्छेद 3)।
- विभिन्न आयोगों और निकायों की रिपोर्टों पर विचार करना।
- अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौतों की पुष्टि करना।
- राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) की घोषणा को मंजूरी देना।
7. संसद के सत्र (Sessions) और विधेयक प्रक्रिया
संसद अपना कार्य सत्रों में करती है। राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को सत्र के लिए आहूत करते हैं (अनुच्छेद 85)। दो सत्रों के बीच 6 महीने से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिए। सामान्यतः वर्ष में तीन सत्र होते हैं:
- बजट सत्र (Budget Session): सामान्यतः फरवरी से मई तक चलता है। यह वर्ष का सबसे लंबा और महत्वपूर्ण सत्र होता है, जिसमें केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया जाता है और उस पर चर्चा होती है।
- मानसून सत्र (Monsoon Session): सामान्यतः जुलाई से सितंबर तक चलता है।
- शीतकालीन सत्र (Winter Session): सामान्यतः नवंबर से दिसंबर तक चलता है। यह वर्ष का सबसे छोटा सत्र होता है।
विधेयक का कानून बनने की प्रक्रिया (Bill to Act):
संसद में कानून बनाने की प्रक्रिया एक विधेयक (Bill) के रूप में शुरू होती है। विधेयक कई चरणों से गुजरता है:
- विधेयक का पुरःस्थापन (Introduction of the Bill): विधेयक संसद के किसी भी सदन (धन विधेयक को छोड़कर) में किसी मंत्री या गैर-सरकारी सदस्य द्वारा पेश किया जाता है। इसे पहला वाचन (First Reading) कहा जाता है।
- दूसरा वाचन (Second Reading): यह विधेयक पर विचार-विमर्श का सबसे महत्वपूर्ण चरण है। इसमें सामान्य बहस, समिति चरण (विधेयक को प्रवर समिति या संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है) और विचार-विमर्श तथा संशोधन शामिल होते हैं।
- तीसरा वाचन (Third Reading): इस चरण में विधेयक को स्वीकार या अस्वीकार करने पर मतदान होता है। सामान्यतः इस स्तर पर कोई बड़ा संशोधन नहीं किया जाता।
- दूसरे सदन में विधेयक (Bill in the Second House): एक सदन से पारित होने के बाद, विधेयक दूसरे सदन में भेजा जाता है, जहाँ भी यह लगभग इसी प्रक्रिया से गुजरता है।
- राष्ट्रपति की स्वीकृति (President's Assent): जब कोई विधेयक दोनों सदनों द्वारा पारित हो जाता है, तो उसे राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाता है (अनुच्छेद 111)। राष्ट्रपति या तो स्वीकृति दे सकते हैं (जिससे विधेयक कानून बन जाता है), स्वीकृति रोक सकते हैं, या विधेयक को पुनर्विचार के लिए (धन विधेयक को छोड़कर) वापस भेज सकते हैं। यदि संसद विधेयक को संशोधनों के साथ या बिना संशोधनों के दोबारा पारित कर देती है, तो राष्ट्रपति को उस पर स्वीकृति देनी ही पड़ती है।
8. संसदीय समितियाँ (Parliamentary Committees)
संसद के पास कानूनों और अन्य मामलों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता, इसलिए वह अपने कार्यों का एक बड़ा हिस्सा विभिन्न समितियों को सौंप देती है (अनुच्छेद 118)। ये समितियाँ विधेयक का गहन अध्ययन करती हैं, मंत्रालयों के खर्चों की जांच करती हैं और महत्वपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करती हैं। प्रमुख समितियाँ दो प्रकार की होती हैं:
- स्थायी समितियाँ (Standing Committees): ये स्थायी प्रकृति की होती हैं और प्रत्येक वर्ष (या समय-समय पर) गठित की जाती हैं। इनके कार्य भी स्थायी होते हैं। उदाहरण:
- लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee - PAC): सरकारी खर्चों और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट की जांच करती है। इसमें 15 सदस्य लोकसभा से और 7 सदस्य राज्यसभा से होते हैं (कुल 22)। अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नियुक्त किया जाता है, परंपरा के अनुसार यह विपक्ष का सदस्य होता है।
- प्राक्कलन समिति (Estimates Committee): सरकारी खर्चों में किफायत के उपाय सुझाती है। इसमें केवल लोकसभा के 30 सदस्य होते हैं। कोई मंत्री इस समिति का सदस्य नहीं हो सकता।
- सार्वजनिक उपक्रमों संबंधी समिति (Committee on Public Undertakings)।
- विभागीय स्थायी समितियाँ (Departmental Standing Committees): 24 विभागीय समितियाँ हैं जो विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से संबंधित विधेयकों, अनुदान मांगों और वार्षिक रिपोर्टों की जांच करती हैं।
- तदर्थ समितियाँ (Ad Hoc Committees): ये किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए गठित की जाती हैं और अपना कार्य पूरा करने तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद समाप्त हो जाती हैं। उदाहरण: संयुक्त चयन समितियाँ (Joint Select Committees) किसी विशिष्ट विधेयक पर विचार के लिए।
9. प्रमुख संसदीय शब्दावली (Parliamentary Terminology)
संसद की कार्यवाही को समझने के लिए कुछ प्रमुख शब्दावलियों को जानना आवश्यक है:
- प्रश्नकाल (Question Hour): यह प्रत्येक संसदीय बैठक का पहला घंटा होता है (सामान्यतः सुबह 11 बजे से 12 बजे तक), जिसमें सदस्य मंत्रियों से प्रश्न पूछते हैं।
- शून्यकाल (Zero Hour): प्रश्नकाल के तुरंत बाद शुरू होता है (सामान्यतः दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक)। इसमें सदस्य बिना पूर्व सूचना के राष्ट्रीय महत्व के अत्यावश्यक मामले उठा सकते हैं। यह एक भारतीय संसदीय नवाचार है।
- स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion): किसी सार्वजनिक महत्व के अत्यावश्यक मुद्दे पर सदन का ध्यान आकर्षित करने के लिए लाया जाता है। इसे स्वीकार होने पर सदन का सामान्य कामकाज रोक दिया जाता है।
- ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Motion): सरकार का ध्यान किसी अविलंबनीय लोक महत्व के विषय पर आकर्षित करने और उस पर मंत्री से वक्तव्य प्राप्त करने के लिए।
- कोरम (Quorum): किसी सदन की बैठक आयोजित करने और कार्यवाही चलाने के लिए आवश्यक सदस्यों की न्यूनतम संख्या। यह सदन की कुल सदस्य संख्या का 1/10वां भाग होता है (अनुच्छेद 100)।
- सत्रावसान (Prorogation): राष्ट्रपति द्वारा सदन के सत्र की समाप्ति (अनुच्छेद 85)।
- स्थगन (Adjournment): पीठासीन अधिकारी द्वारा सदन के कामकाज को कुछ समय (घंटे, दिन) के लिए रोकना।
- अनिश्चित काल के लिए स्थगन (Adjournment Sine Die): पीठासीन अधिकारी द्वारा सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना।
- विघटन (Dissolution): केवल लोकसभा का विघटन (अनुच्छेद 85), जिससे सदन का कार्यकाल समाप्त हो जाता है और नए चुनाव होते हैं। राज्यसभा कभी विघटित नहीं होती।
- दल-बदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law): संविधान की दसवीं अनुसूची में शामिल, यह सांसदों और विधायकों को कुछ विशेष परिस्थितियों में राजनीतिक दल बदलने से रोकता है, ताकि राजनीतिक अस्थिरता को रोका जा सके। संविधान की अनुसूचियों के बारे में विस्तार से पढ़ें।
- व्हिप (Whip): एक राजनीतिक दल द्वारा अपने सदस्यों को सदन में किसी विशेष मतदान या कार्यवाही में उपस्थित रहने या विशिष्ट तरीके से मतदान करने का निर्देश।
- विपक्ष का नेता (Leader of Opposition): लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्षी दल का वह नेता जिसे सदन में विपक्षी दल के कुल सदस्यों की संख्या सदन की कुल सदस्य संख्या के कम से कम 1/10वें भाग के बराबर या उससे अधिक हो।
10. प्रश्न और उत्तर (FAQ) - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यहाँ भारतीय संसद से संबंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं:
Q1: भारतीय संसद किस अनुच्छेद में परिभाषित है?
A1: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 में।
Q2: भारतीय संसद के कितने अंग होते हैं? उनके नाम क्या हैं?
A2: तीन अंग: राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा।
Q3: लोकसभा को और किस नाम से जाना जाता है?
A3: हाउस ऑफ द People (House of the People)।
Q4: राज्यसभा को और किस नाम से जाना जाता है?
A4: काउंसिल ऑफ State (Council of States)।
Q5: लोकसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है?
A5: सीधे जनता द्वारा वयस्क मताधिकार के आधार पर।
Q6: राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है?
A6: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से (एकल संक्रमणीय मत द्वारा)।
Q7: लोकसभा सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु क्या है?
A7: 25 वर्ष (अनुच्छेद 84)।
Q8: राज्यसभा सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु क्या है?
A8: 30 वर्ष (अनुच्छेद 84)।
Q9: लोकसभा का सामान्य कार्यकाल कितना होता है?
A9: 5 वर्ष (समय से पहले भंग हो सकती है)।
Q10: राज्यसभा का कार्यकाल कितना होता है?
A10: राज्यसभा एक स्थायी सदन है (कभी भंग नहीं होती)। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है, और 1/3 सदस्य हर 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं।
Q11: धन विधेयक (Money Bill) सबसे पहले किस सदन में प्रस्तुत किया जाता है?
A11: केवल लोकसभा में (अनुच्छेद 109)।
Q12: भारतीय संसद के किस सदन की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति करते हैं?
A12: राज्यसभा की (पदेन सभापति के तौर पर - अनुच्छेद 89)।
Q13: लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) का चुनाव कौन करता है?
A13: लोकसभा के सदस्य अपने बीच से (अनुच्छेद 93)।
Q14: कौन तय करता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं?
A14: लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) (अनुच्छेद 110)।
Q15: संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम कितना अंतराल हो सकता है?
A15: 6 महीने (अनुच्छेद 85)।
Q16: संसद की संयुक्त बैठक (Joint Sitting) कौन आहूत करता है?
A16: राष्ट्रपति (अनुच्छेद 108)।
Q17: संसद की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?
A17: लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) (अनुच्छेद 118)।
Q18: किस अनुच्छेद के तहत राज्यसभा राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने के लिए संसद को अधिकृत कर सकती है?
A18: अनुच्छेद 249।
Q19: नई अखिल भारतीय सेवाएं (All India Services) बनाने की पहल किस सदन द्वारा की जाती है?
A19: राज्यसभा द्वारा (अनुच्छेद 312)।
Q20: मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
A20: लोकसभा के प्रति (अनुच्छेद 75)।
Q21: संसद सदस्यों को वेतन और भत्ते कौन निर्धारित करता है?
A21: संसद स्वयं कानून बनाकर।
Q22: लोकसभा और राज्यसभा का कोरम (गणपूर्ति) क्या है?
A22: सदन की कुल सदस्य संख्या का 1/10वां भाग (अनुच्छेद 100)।
Q23: लोक लेखा समिति (PAC) में कुल कितने सदस्य होते हैं?
A23: 22 सदस्य (15 लोकसभा से, 7 राज्यसभा से)।
Q24: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) में कितने सदस्य होते हैं और वे किस सदन से होते हैं?
A24: 30 सदस्य, सभी केवल लोकसभा से होते हैं।
Q25: भारतीय संसद की किस समिति में कोई मंत्री सदस्य नहीं हो सकता?
A25: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) और लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee)।
11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ) - अपनी तैयारी जांचें
यहां भारतीय संसद से संबंधित 68 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। अपनी तैयारी जांचें और अपने उत्तरों का मिलान नीचे दी गई उत्तर कुंजी से करें।
- भारतीय संसद किस अनुच्छेद के तहत गठित होती है?
- भारतीय संसद के कितने अंग हैं?
- भारतीय संसद के तीन अंगों में से कौन संसद का सदस्य न होते हुए भी अभिन्न अंग है?
- निम्न सदनों में से कौन 'हाउस ऑफ द People' के नाम से जाना जाता है?
- राज्यसभा को किस नाम से जाना जाता है?
- लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या कितनी हो सकती है (संविधान के अनुसार)?
- वर्तमान में लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या कितनी है?
- राज्यसभा की अधिकतम सदस्य संख्या कितनी हो सकती है?
- राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा कितने सदस्य नामित किए जाते हैं?
- राज्यसभा में नामित सदस्य किस क्षेत्र से होते हैं?
- लोकसभा सदस्यों का सामान्य कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
- राज्यसभा कैसा सदन है?
- राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
- राज्यसभा के कितने सदस्य प्रत्येक दो वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं?
- लोकसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु क्या है?
- राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु क्या है?
- भारतीय संसद का पदेन सभापति कौन होता है?
- लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) का चुनाव कौन करता है?
- कौन सा विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है?
- यह कौन तय करता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं?
- मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
- अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) किस सदन में लाया जा सकता है?
- संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम कितना अंतराल हो सकता है?
- संसद की संयुक्त बैठक (Joint Sitting) किस अनुच्छेद के तहत आहूत की जाती है?
- संसद की संयुक्त बैठक कौन आहूत करता है?
- संसद की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?
- किस अनुच्छेद के तहत राज्यसभा राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने के लिए संसद को अधिकृत कर सकती है?
- नई अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) का गठन करने की पहल की शक्ति किस सदन के पास है?
- अनुच्छेद 312 के तहत नई अखिल भारतीय सेवाएं बनाने का अधिकार किसे है?
- भारतीय संसद का प्रमुख कार्य क्या है?
- बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र - ये किससे संबंधित हैं?
- संसद के किसी सदस्य की सदस्यता समाप्त हो सकती है यदि वह सदन को सूचित किए बिना कितने दिनों तक अनुपस्थित रहे?
- संसद सदस्यों को वेतन और भत्ते किसके द्वारा निर्धारित किए जाते हैं?
- लोकसभा और राज्यसभा का कोरम (गणपूर्ति) कुल सदस्य संख्या का कितना भाग है?
- संसदीय कार्यवाही में 'शून्यकाल' (Zero Hour) का अर्थ क्या है?
- भारतीय संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?
- लोक लेखा समिति में कितने सदस्य होते हैं?
- लोक लेखा समिति में लोकसभा और राज्यसभा से क्रमशः कितने सदस्य होते हैं?
- प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) में कितने सदस्य होते हैं?
- प्राक्कलन समिति के सदस्य किस सदन से होते हैं?
- संसद की किस समिति में कोई मंत्री सदस्य नहीं हो सकता है?
- 'ध्यानाकर्षण प्रस्ताव' (Calling Attention Motion) का उद्देश्य क्या होता है?
- संसद में 'स्थगन प्रस्ताव' (Adjournment Motion) क्यों लाया जाता है?
- भारत में पहली बार लोकसभा चुनाव कब हुए थे?
- लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष कौन थीं?
- राज्यसभा की पहली महिला महासचिव कौन थीं?
- संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हैं?
- संसद में प्रश्नकाल (Question Hour) कब होता है?
- संसद की कार्यवाही सूची (List of Business) में सबसे पहले क्या सूचीबद्ध होता है?
- लोकसभा में सीटों का आवंटन किस जनगणना पर आधारित है (जो 2026 तक स्थिर है)?
- राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव किस पद्धति से होता है?
- दल-बदल विरोधी कानून संविधान की किस अनुसूची में है?
- संसद को राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने का अधिकार कब मिल सकता है?
- केंद्रीय बजट किस सदन में प्रस्तुत किया जाता है?
- भारत की संचित निधि (Consolidated Fund) से धन निकालने के लिए किसकी अनुमति आवश्यक है?
- विधेयक पर गतिरोध होने पर राष्ट्रपति द्वारा बुलाई गई संयुक्त बैठक में अंतिम निर्णय किस आधार पर होता है?
- लोकसभा का विघटन कौन कर सकता है?
- संसदीय प्रणाली में मंत्रिपरिषद किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
- निम्न में से कौन राज्यसभा की विशेष शक्ति है?
- लोकसभा में राज्यों को सीटें उनकी किस आधार पर आवंटित की जाती हैं?
- संसद में बजट कौन प्रस्तुत करता है?
- अनुच्छेद 108 के तहत संयुक्त बैठक का प्रावधान किस प्रकार के विधेयकों के लिए है?
- भारत में संसदीय प्रणाली किस देश से प्रेरित है?
- संसद सदस्य की अयोग्यता (Disqualification) से संबंधित अंतिम निर्णय कौन लेता है (दल-बदल के मामलों को छोड़कर)?
- दल-बदल के आधार पर संसद सदस्य की अयोग्यता का निर्णय कौन करता है?
- साधारण विधेयक पर राज्यसभा अधिकतम कितने समय तक विचार कर सकती है?
- राज्यसभा द्वारा अनुच्छेद 249 के तहत पारित संकल्प कितने समय तक लागू रहता है?
- संसद के किसी भी सदन में गणपति (कोरम) पूरा न होने पर क्या होता है?
MCQ उत्तर कुंजी:
1. a) अनुच्छेद 79 2. b) तीन 3. c) राष्ट्रपति 4. c) लोकसभा 5. b) उच्च सदन 6. b) 550 7. a) 543 8. b) 250 9. b) 12 10. a) साहित्य, विज्ञान, कला, समाज सेवा 11. b) 5 वर्ष 12. b) स्थायी 13. c) 6 वर्ष 14. b) एक-तिहाई 15. c) 25 वर्ष 16. c) 30 वर्ष 17. b) उपराष्ट्रपति 18. c) लोकसभा के निर्वाचित सदस्य 19. c) धन विधेयक 20. c) लोकसभा अध्यक्ष 21. c) लोकसभा के प्रति 22. a) केवल लोकसभा में 23. d) 6 महीने 24. b) अनुच्छेद 108 25. c) राष्ट्रपति 26. c) लोकसभा अध्यक्ष 27. a) अनुच्छेद 249 28. b) केवल राज्यसभा (पहल करने की शक्ति) 29. c) संसद (राज्यसभा की पहल पर) 30. d) उपरोक्त सभी 31. b) संसद के सत्र 32. c) 60 दिन 33. c) संसद द्वारा कानून बनाकर 34. c) 1/10 35. b) जब कोई भी सदस्य बिना पूर्व सूचना के अत्यंत महत्वपूर्ण मामला उठा सकता है 36. c) लोकसभा अध्यक्ष 37. b) 22 38. a) 15 लोकसभा, 7 राज्यसभा 39. c) 30 40. a) केवल लोकसभा से 41. d) उपरोक्त सभी (मंत्री इन प्रमुख समितियों के सदस्य नहीं हो सकते) 42. a) सरकार से किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की मांग करना 43. b) किसी सार्वजनिक महत्व के अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा करने के लिए 44. c) 1951-52 45. a) मीरा कुमार 46. b) वी. एस. रमा देवी 47. c) अनुच्छेद 87 48. a) सत्र का पहला घंटा 49. b) प्रश्नकाल 50. c) 1971 51. b) आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (एकल संक्रमणीय मत द्वारा) 52. b) दसवीं 53. d) उपरोक्त सभी परिस्थितियों में 54. a) केवल लोकसभा में 55. c) संसद 56. c) दोनों सदनों की कुल संख्या के साधारण बहुमत से 57. c) राष्ट्रपति (प्रधानमंत्री की सलाह पर) 58. d) विधायिका के लोकप्रिय सदन (लोकसभा) के प्रति 59. c) नई अखिल भारतीय सेवाएँ बनाने की पहल करना (अनुच्छेद 312) 60. b) जनसंख्या 61. c) वित्त मंत्री 62. a) केवल साधारण विधेयक 63. b) यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) 64. c) राष्ट्रपति (चुनाव आयोग की राय लेकर) 65. b) संबंधित सदन का पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष/सभापति) 66. d) 6 महीने 67. b) 1 वर्ष 68. a) सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है
12. निष्कर्ष
भारतीय संसद हमारे विशाल और विविध लोकतंत्र का आधार स्तंभ है। यह न केवल कानूनों का निर्माण करती है, बल्कि सरकार को जवाबदेह ठहराती है और देश के नागरिकों की आशाओं तथा चिंताओं को व्यक्त करने का मंच प्रदान करती है। लोकसभा और राज्यसभा, अपनी विशिष्ट भूमिकाओं और शक्तियों के साथ, एक संतुलित और प्रभावी विधायी प्रक्रिया सुनिश्चित करते हैं। राष्ट्रपति की भूमिका इस प्रक्रिया को पूर्णता प्रदान करती है।
इस विस्तृत लेख में, हमने भारतीय संसद की संरचना से लेकर उसके कार्यों, विभिन्न प्रक्रियाओं, समितियों और महत्वपूर्ण शब्दावली तक, कई महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर किया है। हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपको भारतीय राजव्यवस्था की इस केंद्रीय संस्था को बेहतर ढंग से समझने और प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायक होगी।
भारतीय संसद और शासन प्रणाली से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर हमारे विस्तृत लेख अवश्य पढ़ें:
- भारत के प्रधानमंत्री: शक्तियां, कार्य और वेतन
- भारतीय राष्ट्रपति: अधिकार, कार्य और कार्यकाल
- भारत के उपराष्ट्रपति: अधिकार, कार्य और कार्यकाल
- लोकसभा: इतिहास, संरचना, कार्य और शक्तियां
- राज्यसभा: संरचना, कार्य, शक्तियां और महत्वपूर्ण तथ्य
- भारत के गृह मंत्री: सूची, शक्तियां और तथ्य
- मुख्यमंत्री (Chief Minister): शक्तियां, कार्य और चयन प्रक्रिया
- भारत का सर्वोच्च न्यायालय: अनुच्छेद और शक्तियां
- उच्च न्यायालय: संरचना, अधिकार क्षेत्र और महत्वपूर्ण अनुच्छेद
- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI): नियुक्ति, योग्यताएं और भूमिका
- भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद (Articles of Indian Constitution)
- भारतीय संविधान की अनुसूचियां (Schedules of Indian Constitution)
- एक राष्ट्र, एक चुनाव: पूरी जानकारी
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